Bihar Express Desk (2 January) : हिट एंड रन मामले में बनाए गए नए कानून को लेकर बिहार में ट्रक और बस ड्राइवर दूसरे दिन भी हड़ताल पर हैं। राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में ट्रक और बस बंद हैं। पटना शहर के कई हिस्सों में ऑटो नहीं चल रहे हैं। समस्तीपुर, दरभंगा, कैमूर, छपरा, बक्सर, सुपौल जमुई में सड़कों पर चक्का जाम का व्यापक असर दिखा।
भागलपुर दुमका मुख्य मार्ग बाईपास टीओपी जगदीशपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत नवगछिया में चालकों ने करीब 3 घंटों तक रोड को जाम कर दिया। यहां तक कि एंबुलेंस को भी जाने का रास्ता नहीं दिया गया। वहीं, इसकी सूचना थाने को दी गई, जिसके बाद पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद समझा बुझा कर जाम को हटाया। वहां मौजूद चालकों का कहना था कि हमलोग गरीब हैं। 10000 से 15000 रुपये महीना किसी तरह कमाते हैं और अपने घर का भरण पोषण करते हैं। अगर यह कानून लागू कर दिया जाएगा तो या तो हम लोगों को 7 साल जेल में रहना होगा नहीं तो 10 लाख रुपया जुर्माना देना पड़ेगा। आखिर हम लोग इतनी मोटी रकम कहां से लाएंगे? इसलिए इस कानून को वापस किया जाए। सरकार अगर इस कानून को वापस नहीं लेती है तो हम लोग और उग्र आंदोलन करेंगे।
मधुबनी में हिट एंड रन कानून को लेकर बस कर्मी सड़क पर उतर कर इस कानून का विरोध कर रहे हैं। बस कर्मियों का कहना है कि सरकार के द्वारा जो कानून हम बस कर्मियों के लिए जारी किया गया है। उस कानून को लेकर सभी बस कर्मियों ने 1 जनवरी से चक्का जाम किया है और यह चक्का जाम 3 जनवरी तक रहेगा। अगर सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती है तो दुवारा अनिश्चितकालीन के लिए सभी बस कर्मी हड़ताल करेंगे। जब बस कर्मियों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह कानून सभी ड्राइवर के लिए होना चाहिए चाहे वह किसी भी अधिकारी का हो या फिर मामूली बस ड्राइवर हो। इस कानून के लागू होने से बस कर्मियों ने बताया कि 500 रुपये प्रतिदिन कमाने वाला इंसान कहां से सरकार के द्वारा निकाले गए कानून का पालन करेगा।
समस्तीपुर : भारत सरकार के सड़क दुर्घटना संबंधी नए कानून से डरे सहमें बसों और ट्रकों के चालकों की हड़ताल का समस्तीपुर जिले में भी असर देखने को मिल रहा है। वाहनों का परिचालन ठप रहने से आम यात्री इस भीषण ठंड में कई तरह की परेशानियां सहने को मजबूर हो गए। समस्तीपुर शहर के समाहरणालय के सामने स्थित बिहार राज्य पथ परिवहन निगम और कर्पूरी बस पड़ाव से प्रतिदिन 30 से अधिक बसें समस्तीपुर से पटना राजधानी चला करती हैं, लेकिन हड़ताल की वजह से वह सभी आज ठप हैं। एक तरह से इन वाहनों के पहिए पर ब्रेक लग गया है।
इस संबंध में बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के एक कर्मी ने बताया कि देशभर की हड़ताल के मद्देनजर और बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर बसों का परिचालन रोका गया है। जगह-जगह यात्री सड़कों पर बसों के आने का इंतजार करते हुए देखे जा रहे हैं।
इधर, समस्तीपुर जिले से होकर गुजरी राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 28 की बात करें तो आज नहीं के बराबर ट्रक और बसें चल रही हैं। ठंड के मौसम में अपने गंतव्य तक जाने वाले यात्री काफी परेशान हैं। इधर, शहर में बड़े वाहनों का परिचालन ठप होने के साथ ही टोटो चालकों का भी परिचालन बंद करवाया जा रहा है। आम शहर वासी अचानक इस तरह के विरोध प्रदर्शन और वाहन चालकों के हड़ताल को बहुत नहीं समझ पा रहे हैं। ऐसी चर्चा है कि यह हड़ताल तीन दिनों तक रहेगी। असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में लोगों की परेशानी बढ़ गई है। चालकों का कहना है कि कोई भी ड्राइवर जानबूझकर दुर्घटना नहीं करता है। बहरहाल, नए साल के पहले दिन वाहनों का परिचालन ठप होने से यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गई है। बस पड़ाव पर सन्नाटा देखने को मिल रहा है।
हिट एंड रन कानून के विरोध में ट्रांसपोर्टर चलायेंगे चरणबद्ध आन्दोलन
पटना : भारत सरकार के हिट एंड रन कानून के विरोध में भारतीय प्राइवेट ट्रांसपोर्ट मजदूर महासंघ क्रमबद्ध आन्दोलन चलायेगी। चरणबद्ध किये गये आन्दोलन, बैठक एवं चर्चा के बाद भी सरकार द्वारा माकूल निर्णय नहीं लिये जाने की स्थिति में देश भर के चालक हड़ताल पर जाने को विवश होंगे। इसके लिए आगामी 28 जनवरी को हड़ताल पर जाने की योजना क्रियान्वित की जाएगी। इस आशय की जानकारी भारतीय प्राइवेट ट्रांसपोर्ट मजदूर महासंघ के भारतीय मजदूर संघ की औद्योगिक इकाई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सत्य प्रकाश ने मंगलवार को दी।
सडक दुर्घटना बिल के विरोध में प्रदेश के प्रशासनिक पदाधिकारियों की आगामी आन्दोलन एवं धरना की सूचना दी गयी। महासंघ द्वारा 4 से 7 जनवरी को संसद सदस्यों को याचिका दिया जायेगा। 10 जनवरी को जिला स्तर पर बैठक एवं चर्चा तथा 11 जनवरी को केन्द्रीय एवं राज्य परिवहन आयुक्त को हड़ताल की सूचना दी जाएगी। चरणबद्ध आन्दोलन के अगले चरण में 12-27 जनवरी तक जिला एवं मंडल स्तर पर चालकों के साथ विचार विमर्श एवं सम्मेलन किया जायेगा।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सत्यप्रकाश ने बताया कि ‘भारत सरकार के इस दमनकारी नीति हिट एंड रन कानून जो कि नए भारतीय न्याय संहिता 2023 में 10 वर्ष की सजा का प्रावधान किया गया है। इस सख्त कानून के विरोध में पूरे भारत वर्ष में भारतीय प्राइवेट ट्रांसपोर्ट मजदूर महासंघ इस कानून को बदलवाने के लिए केंद्र सरकार स्तर तक प्रयासरत है । सरकार मूलभूत सुविधा सड़क, लाइसेंस, मोटर परिवहन कर्मों के प्रशिक्षण स्वास्थ्य एवं रोजगार की सुनिश्चितता पर ध्यान दिया जाए, क्योंकि एक बड़ा वर्ग समूह इस व्यवसाय से जुड़ा है, पूरे देश में निबंधित वाहन के अनुसार लाइसेंसधारी प्रशिक्षित चालकों की संख्या में काफी कम है। विरोध प्रदर्शन सरकार के विरोध में है। आम जनता को परेशान करना मकसद नहीं है।’