दिलों को जोड़ती है उर्दू भाषा; फरोग-ए-उर्दू सेमिनार व मुशायरा का आयोजन

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(Bihar Express Desk)

दरभंगा (6 जनवरी 2024)। बिहार सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के उर्दू निदेशालय के निर्देशानुसार जिला उर्दू भाषा कोषांग के तत्वावधान में दरभंगा प्रेक्षागृह में कार्यशाला-सह-फरोग-ए-उर्दू सेमिनार व मुशायरा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए जिलाधिकारी राजीव रौशन ने कहा कि उर्दू भाषा दिलों को जोड़ती है। उर्दू का जुबान तहजीब सिखाती है। भाईचारा और अमन लेकर आती है तथा संस्कृति और उसके विरासत को एक नए पायदान पर लेकर जाती है।

उन्होंने कहा कि बिहार इस बात पर गर्व कर सकता है कि उर्दू यहां की द्वितीय राज्य भाषा है तथा दरभंगा इस बात पर गर्व कर सकता है कि यहां उसके चाहने वाले बहुत हैं। उन्होंने कहा कि मानव जाति अपनी संवेदनाओं को दूसरे तक भाषा के माध्यम से पहुंचा सकती है, यही बात उसे अन्य जीवों से अलग करती है। उन्होंने कहा कि उर्दू भाषा की जुबां मीठी है। विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली दस भाषाओं में यह शामिल है।

वहीं अनुमंडल पदाधिकारी सदर चंद्रिमा अत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उनका यह प्रयास रहेगा कि उर्दू भाषा के विकास के लिए तथा अल्पसंख्यक कल्याण के लिए जितनी भी योजनाएं सरकार द्वारा चलाई जा रही है, उनका लाभ लोगों तक पहुंचे। उन्होंने फरोग-ए-उर्दू सेमिनार व मुशायरा एवं कार्यशाला में शिरकत करने वाले अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। फरोग-ए-उर्दू सेमिनार व मुशायरा कार्यक्रम में जिला कल्याण पदाधिकारी मो. असलम अली ने लोगों का हार्दिक स्वागत किया।

इस मौके पर संयुक्त निदेशक जनसंपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, डॉ. मुस्ताक अहमद, अपर समाहर्ता लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अनिल कुमार, अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन सलीम अख्तर, अपर समाहर्ता विभागीय जांच कुमार प्रशांत, अपर समाहर्ता विधि व्यवस्था राकेश कुमार रंजन एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे। वहीं उर्दू के विशिष्ट विद्वानों के व्याख्यान, उर्दू डेलिगेट्स का व्याख्यान, उर्दू भाषा के अन्य विद्वानों का व्याख्यान एवं छात्र-छात्राओं ने प्रस्तुति किया। अतिथियों का स्वागत पौधों से किया गया।


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