माघ मास की पूर्णिमा का विशेष धार्मिक महत्व; गंगा स्नान-दान से देवगण होते हैं प्रसन्न

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पटना, 21 फरवरी। माघ महीने की पूर्णिमा खास मानी जाती है। इस साल माघ पूर्णिमा 24 फरवरी को पड़ रही है। वैसे तो हर महीने की पूर्णिमा पूजा-पाठ के दृष्टिकोण से खास मानी जाती है, लेकिन माघ मास की पूर्णिमा का विशेष धार्मिक महत्व है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान का बहुत महत्व माना जाता है। साथ ही, यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के लिए भी विशेष माना जाता है।

धार्मिक मान्यता है कि इस दिन देवतागण पृथ्वी पर भ्रमण करने के लिए आते हैं। ऐसे में इस दिन गंगा स्नान और दान करने से देवगण प्रसन्न होते हैं। माघ पूर्णिमा 23 फरवरी को दोपहर 3 बजकर 36 मिनट से शुरू होकर 24 फरवरी को शाम 6 बजकर 3 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि को देखते हुए माघ पूर्णिमा 24 फरवरी को मनायी जायेगी। इस दिन स्नान-दान का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 11 बजकर से 6 बजकर 02 मिनट तक है।

माघ पूर्णिमा के दिन बह्ममुहूर्त में गंगा स्नान करना चाहिए। यदि गंगा स्नान संभव न हो तो पानी में गंगाजल मिलकर स्नान कर सकते हैं। इसके बाद नमो नारायणाय मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दें। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माघ माह में देवता पृथ्वी पर आते हैं, इसलिए इस दिन स्नान-दान का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार जो साधक माघ माह में संगम नदी के किनारे रहकर व्रत और संयम के साथ स्नान ध्यान करते हैं उनके लिए माघ पूर्णिमा बहुत ही खास मानी जाती है। माघ पूर्णिमा पर चंद्रमा और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही माघ पूर्णिमा पर रात में चंद्रोदय के समय चंद्रमा की पूजा करने से चंद्र दोष दूर होता है।

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