बिहारशरीफ। पिछले एक माह से अधिक से जिला परिषद् अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के विरुद्ध लाये गये अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चल रहे उठापटक का गुरुवार को समापन हो गया। आखिरकार बहुमत नहीं जुटाने के कारण अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। जिला पदाधिकारी द्वारा विशेष बैठक आयोजन के लिए 08 फरवरी की तिथि निर्धारित की गयी थी। तय तिथि और कार्यक्रम के अनुसार समाहरणालय स्थित हरदेव भवन सभागार में जिला परिषद् की विशेष बैठक जिला पदाधिकारी शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में हुई। बैठक में कुल 21 लोग उपस्थित थे। बैठक में जिला परिषद् अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के अलावे 19 सदस्य उपस्थित हुए, जिनकी उपस्थिति पंजी में दर्ज की गयी। बैठक की अध्यक्षता कर रहे डीएम द्वारा अविश्वास प्रस्ताव में लाये गये आरोपों को कंडिकावार पढ़कर सदस्यों को सुनाया गया। इसके उपरांत पक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों द्वारा आरोपों को लेकर आपस में चर्चा की गयी। चर्चा के उपरांत मत विभाजन की प्रक्रिया अपनाई गयी।
वैलेट के जरिये हुआ मत विभाजन
इससे पूर्व मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह उप विकास आयुक्त वैभव श्रीवास्तव द्वारा मत विभाजन प्रक्रिया एवं वैलेट पेपर के बारे में सभी सदस्यों को विस्तार से जानकारी दी। पहले अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मत विभाजन किया गया। उसके बाद उपाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मत विभाजन हुआ। सभी उपस्थित सदस्यों को एक-एक कर नाम लेकर पुकारा गया तथा उन्हें मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित वैलेट पेपर उपलब्ध कराया गया। मतदान के उपरांत मतों की गणना हुई। अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 19 मत पड़ा जबकि अविश्वास प्रस्ताव के विपक्ष में मात्र दो लोगों ने वोटिंग की। इस प्रकार बहुमत के आधार पर अध्यक्ष पिंकी देवी और उपाध्यक्ष अनुराधा देवी के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित हुआ। इसके साथ हीं अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का पद रिक्त घोषित किया गया।
अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने किया अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में वोट
बताते चले कि नालंदा जिला परिषद् के कुल 34 सदस्य है लेकिन बैठक में 21 लोगों ने हिस्सा लिया, जिसमें अध्यक्ष और उपाध्यक्ष भी शामिल थे। बैठक में 13 सदस्य अनुपस्थित रहे। अविश्वास प्रस्ताव के नतीजों के बाद से ये समझा जा रहा है कि उपस्थित सभी 19 सदस्य अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन वाले थे जिन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया। सिर्फ अध्यक्ष और उपाध्यक्ष अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया। अगर सभी सदस्य भी उपस्थित होते तो अविश्वास प्रस्ताव पास कराने के लिए 18 लोगों का समर्थन चाहिए था। अविश्वास प्रस्ताव जब लाया गया था तो सिर्फ 10 लोगों का हस्ताक्षर था। लेकिन जब निर्धारित तिथि तक अध्यक्ष विशेष बैठक नही बुलाई और मामला डीएम के यहां जाना था तब अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले पार्षदों की संख्या बढ़कर बीस हो गयी थी। इस प्रकार एक सदस्य जिन्होंने अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किया था बैठक में हिस्सा नहीं ले सके।
इन्होंने किया अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान
इस्लामपुर पूर्वी की तनुजा कुमारी, बिहारशरीफ पूर्वी की गीता देवी, हरनौत पश्चिमी के कमलेश पासवान, अस्थावां दक्षिणी के अजय कुमार, करायपरसुराय के अजय कुमार, हरनौत पूर्वी की ममता देवी, चंडी पूर्वी के निरंजन कुमार, गिरियक की मानो देवी व बेन की पूनम कुमारी सिन्हा, सरमेरा पूर्वी के अशोक कुमार सिंह, सरमेरा पश्चिमी के नरोत्तम कुमार, अस्थावां के पंकज कुमार, बिंद के विपीन कुमार चौधरी, अस्थावां पूर्वी के पुरुषोत्तम कुमार, हिलसा पूर्वी के संजय कुमार चंद्रवंशी, नूरसराय उत्तरी की जूली कुमारी, नूतन कुमारी, सिलाव पूर्वी की बेबी देवी, रहुई पूर्वी की कृति देवी।