श्री श्याम बसंत महोत्सव पर निकाली गयी निशान शोभा यात्रा; बाबा श्याम का आकर्षक फूलो से किया गया श्रृंगार

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दरभंगा (19 फरवरी)। श्री खाटू श्याम मंडल, दरभंगा द्वारा 48वें वार्षिक श्री श्याम बसंत महोत्सव के दूसरे दिन निशान शोभा यात्रा नगर भ्रमण के लिए श्याम मंदिर, जीतूगाछी से निकली। यात्रा के आगे अति आकर्षक फूलो से श्रृंगार किया हुआ बाबा श्याम का रथ चल रहा था। श्याम भजनों पर आधारित बैण्ड के साथ 1678 भक्त अपनी-अपनी मनोकामनाओ के साथ हाथों में रंग-बिरंगी हनुमान जी और श्याम जी ध्वजा हाथो मे लेकर मस्ती में चल रहें थे।

सैकड़ों प्रेमी बिना ध्वजा के भी निशान पद यात्रा में शामिल थे। उनके चेहरों पर उत्साह के भाव स्पष्ट रुप से झलक रहे थे। बीच-बीच में श्याम नाम के जयकारे निशान यात्रियों में जोश भर देती रही। भ्रमण के दौरान अनेक स्थानों पर हारे के सहारे की सवारी का आरती और फूलो से स्वागत किया गया और कई स्थानों पर फूल और इत्र की बरसात की गयी। अबीर और गुलाल से भक्तों का स्वागत हुआ। ध्वजा चढ़ाने वाले श्याम प्रेमियों की पेयजल, शिकंजी, शरबत आदि से सेवा की गयी तो अनेक भक्तों ने मार्ग में प्रसाद और फल का वितरण भी किया। कुछ संस्थाओं ने समूह में एकत्रित होकर और रास्ते में कालीन बिछाकर निशान शोभा यात्रा का अभिनंदन किया।

निशान यात्रा मंदिर से श्याम अर्चना के उपरांत आरंभ होकर गुल्लोवाड़ा, मशरफ बाजार, मारवाड़ी स्कूल, टाउन हॉल, मिर्जापुर चौक, आयकर चौक, हसनचक, गांधीचौक, बड़ाबाजार, टॉवर चौक, शिवाजी नगर आदि शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरती हुई जीतूगाछी मंदिर में बाबा श्याम के चरणों में श्याम ध्वजा चढ़ाने के साथ संपन्न हुई। सीमित संख्या में निशान को मंदिर के शिखर-गुम्बद पर चढ़ाया गया और शेष ध्वजा को प्रेमियों के बीच वितरण के लिए तैयार किये गये। मंदिर के प्रांगण में मारवाड़ी महिला समिति द्वारा जल, चाय और बिस्कुट की सेवा की गयी। फिर अष्टयाम संकीर्तन का समापन हुआ। सोमवार को दोपहर बाबा के विश्राम की अवधि के दौरान अनेक नौजवान भजन प्रवाहकों ने एक से बढ़कर एक राजस्थानी भजन ढप के संग गाकर रिझाते दिखे। इनके भजनों से मुग्ध होकर पुरुष एवं महिला श्याम भक्तों द्वारा भाव नृत्य किया गया और एक अलग प्रकार का भक्ति के वातावरण का परिदृश्य का निर्माण हुआ।

संध्याकाल में मंदिर प्रांगण में रींगस (राजस्थान) से पधारी नम्रता कारवां द्वारा श्रीकृष्ण एवं राधा के अलौकिक प्रेम को जीवंत स्वरुप में पूर्ण भावभंगिमा से प्रस्तुति की गयी। आयोजन को सफल बनाने में रघुवीर शर्मा, संदीप चौधरी, अजय चौधरी, अजय मित्तल, अनूप गोयनका, विकास मित्तल सहित अनेक श्याम सेवक सक्रिय थे।

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