पटना, 8 मार्च। बीटीईटी, सीटीईटी एवं एसटीईटी के रौल नम्बर के अनुसार सक्षमता परीक्षा में 1205 शिक्षक अभ्यर्थी डुप्लीकेट के रूप में चिन्हित किये गये हैं। डुप्लीकेट चिन्हित शिक्षक अभ्यर्थियों की जांच भौतिक सत्यापन के माध्यम से गुरुवार को शुरू हो गयी है। डुप्लीकेट चिन्हित शिक्षक अभ्यर्थियों की भौतिक सत्यापन का फैसला शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में लिया गया था। ड्डू डुप्लीकेट चिन्हित 1205 शिक्षक अभ्यर्थियों में अररिया के 38, अरवल के 30, औरंगाबाद के 24, बांका के 52, बेगूसराय के 39, भागलपुर के 33, भोजपुर के 37, बक्सर के 29, दरभंगा के 56, पूर्वी चंपारण के 20, गया के 56, गोपालगंज के 30, जमुई के 35, जहानाबाद 51, कैमूर के 5, कटिहार के 17, खगड़िया के 13, किशनगंज के 17, लखीसराय के 10, मधेपुरा के 28, मधुबनी के 36, मुंगेर 29, मुजफ्फरपुर के 58, नालंदा के 40, नवादा के 79, पटना के 55, पूर्णिया के 35, रोहतास के 25, सहरसा के 18, समस्तीपुर के 53, सारण के 22, शेखपुरा के 28, शिवहर के 5 सीतामढ़ी के 16, सिवान के 41, सुपौल के 12, वैशाली के 18 एवं पश्चिमी चंपारण के 15 हैं।
डुप्लीकेट चिन्हित शिक्षक अभ्यर्थियों का भौतिक सत्यापन गुरुवार से शुरू हो गया है। इसके लिये तय शिड्यूल के तहत 21 मार्च तक 860 डुप्लीकेट चिन्हित शिक्षक अभ्यर्थियों का भौतिक सत्यापन किया जाना है। पहले दिन यानी सात मार्च को एक से 20, आठ मार्च को 21 से 48, नौ मार्च को 49 से 83, 11 मार्च को 84 से 161, 12 मार्च को 162 से 245, 13 मार्च को 246 से 247, 14 मार्च को 248 से 326, 15 मार्च को 327 से 402, 16 मार्च को 403 से 484, 18 मार्च को 485 से 584, 19 मार्च को 585 से 689, 20 मार्च को 690 से 797 एवं 21 मार्च को 798 से 860 सीरियल नम्बर के डुप्लीकेट चिन्हित शिक्षक अभ्यर्थियों का भौतिक सत्यापन किया जाना है।
उल्लेखनीय है कि सक्षमता परीक्षा बुधवार को खत्म हो गई है। परीक्षा के लिए आवेदन करते समय नियोजित शिक्षकों को अपना एसटेट, बीटेट, सीटेट का सर्टिफिकेट अपलोड करना अनिवार्य था। इस दौरान यह मामला संज्ञान में आया। उसके बाद भौतिक सत्यापन का कार्य शुरू हुआ है। दरअसल, राज्यकर्मी बनने के लिए नियोजित शिक्षकों को विभाग ने सक्षमता परीक्षा अनिवार्य कर दिया। ऐसे में नियोजित शिक्षकों ने राज्यकर्मी बनने के लिए सक्षमता परीक्षा का आवेदन किया जिसमें कई शिक्षकों के सर्टिफिकेट संदेश के घेरे में पाए गए। यह शिक्षक वर्षों से प्रदेश में नौकरी कर रहे हैं और शैक्षणिक कार्य में लगे हैं। अगर जांच के दौरान शिक्षकों का सर्टिफिकेट फर्जी पाया जाता है तो इनकी नौकरी जानी तय है। कानूनी कार्रवाई भी होगी।