पटना, 25 फरवरी। पटना हाई कोर्ट ने कथित रूप से बगैर किसी कारण के पुलिस द्वारा जबरन थाने में सुबह से शाम तक बैठाए रखने के मामले में एक लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश राज्य सरकार को दिया है। जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की एकल पीठ ने सागर प्रसाद की अपराधिक रिट याचिका को निष्पादित करते हुए यह फैसला दिया।
कंकड़बाग थाना अंतर्गत एलआईजी हाउसिंग कॉलोनी के निकट हाउसिंग बोर्ड के एक फ्लैट से तथाकथित तौर पर पुलिस बल की सहायता से असामाजिक तत्वों द्वारा जबरन मकान खाली कराए जाने और मकान में रहने वाले व्यक्ति को बगैर किसी कारण के सुबह से शाम तक थाने में बैठाए रखने के मामले को पटना हाई कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार को बतौर मुआवजा एक लाख रुपए भुगतान करने का निर्देश दिया है। मुआवजे की राशि का भुगतान दो महीने में करनी होगी।
साथ ही हाई कोर्ट ने राज्य के पुलिस महकमे को निर्देश दिया है कि बिना संज्ञेय अपराध वाली प्राथमिकी या किसी आपराधिक मामले में पड़ताल या पूछताछ की जरूरत के बगैर ही किसी व्यक्ति को पुलिस द्वारा ले जाकर थाना में सुबह से शाम तक नहीं रखा जा सकता है। कोर्ट ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को भी इस संदर्भ में जांच कर सभी थानों को उचित निर्देश जारी करने को कहा है।