गांधी मैदान में सीएम ने बांटे अध्यापकों को नियुक्ति पत्र, पांच लाख और लोगों को मिलेंगे रोजगार

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पटना, 13 जनवरी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि राज्य में 10 लाख से भी ज्यादा बहाली होगी। अगले डेढ़ साल में सात लाख और लोगों की नियुक्ति होगी तथा पांच लाख और लोगों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को यहां गांधी मैदान में बिहार लोक सेवा आयोग की दूसरे चरण की अध्यापक नियुक्ति परीक्षा एवं पहले चरण की अध्यापक नियुक्ति परीक्षा के पूरक परीक्षाफल में उत्तीर्ण अध्यापक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांट रहे थे। राज्य भर में 96,823 अनुशंसित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटे गये।

गांधी मैदान में राज्यस्तरीय नियुक्ति पत्र वितरण समारोह आयोजित किया गया था। गांधी मैदान में 26,935 अध्यापक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियुक्ति पत्र वितरण का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों नियुक्ति पत्र लेने वाले अनुशंसित अभ्यर्थी फूले नहीं समा रहे थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ही उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री प्रो. चन्द्रशेखर एवं राज्य मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों के हाथों भी बिहार लोक सेवा आयोग से अनुशंसित अभ्यर्थियों ने नियुक्ति पत्र प्राप्त किया।

इस दौरान अपने संबोधन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने सात निश्चय-दो के तहत 10 लाख युवाओं को नौकरी एवं 10 लाख युवाओं को रोजगार देने का वायदा किया था। शिक्षा विभाग सहित विभिन्न विभागों को मिला दें, तो अब तक 3.63 लाख युवाओं को नौकरी मिल चुकी है और पांच लाख युवाओं को रोजगार मिल चुका है। आने वाले डेढ़ वर्षों में तकरीबन सात लाख और युवाओं को नौकरी देने एवं पांच लाख और युवाओं को रोजगार देने के लक्ष्य हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग की पहले चरण की अध्यापक नियुक्ति परीक्षा के आधार पर 1.20 लाख अध्यापकों की नियुक्ति हुई है। बिहार लोक सेवा आयोग की ही दूसरे चरण की अध्यापक नियुक्ति परीक्षा के आधार पर 96,823 अध्यापकों की नियुक्ति की गयी है। इनमें पहले चरण की परीक्षा के पूरक परीक्षाफल में उत्तीर्ण अभ्यर्थी भी शामिल हैं। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा ली गयी अध्यापक नियुक्ति परीक्षा में आठ लाख से भी अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अध्यापकों के खाली रह गये पदों पर भी जल्द बहाली होगी। यह इसलिए जरूरी है कि बच्चे-बच्चियों की पढ़ाई बेहतर ढंग से हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अध्यापकों की हुई नियुक्ति में 51 प्रतिशत महिलाएं हैं। राजस्थान, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड एवं चंडीगढ़ सहित अन्य राज्यों के अभ्यर्थी भी अध्यापक पद के लिए बिहार लोक सेवा आयोग की लिखित परीक्षा के आधार पर चुने गये हैं। पहले चरण की अध्यापक नियुक्ति परीक्षा में दूसरे राज्यों के 15 फीसदी अभ्यर्थी सफल होकर बिहार में अध्यापक बने हैं। उन्होंने कहा कि सभी पंचायतों में प्लस-टू स्कूल खोले गये हैं। अतिरिक्त क्लासरूम बनाये गये हैं, बनाये जा रहे हैं। नये स्कूल भवनों के निर्माण एवं अतिरिक्त क्लासरूम के निर्माण के लिए 7,530 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। टोला सेवकों एवं तालिमी मरकज को शिक्षकों के समान पैसे दे रहे हैं। वर्ष 2005 में 12.5 फीसदी बच्चे स्कूलों से बाहर थे। अब शत प्रतिशत बच्चे स्कूल में हैं।

वहीं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि सरकार ने नियुक्ति एवं रोजगार के अपने वायदे को पूरा किया है। शिक्षा मंत्री प्रो. चन्द्रशेखर ने आयोजन के औचित्य की चर्चा की। इस अवसर पर वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी सहित राज्य मंत्रिमंडल के कई सदस्य एवं राज्य सरकार के उच्चाधिकारी मौजूद थे। धन्यवाद ज्ञापन शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव ने किया।


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