Online Desk : हृदय रोग संबंधी बीमारियों के इलाज में पिछड़े कोसी क्षेत्र की बड़ी आबादी की इमरजेंसी स्थिति में जान बचाने के लिए निन्ती हास्पिटल, सहरसा का प्रबंधन जल्द ही एक एडवांस कैथलैब शुरू करने जा रहा है। इस कैथलैब में जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ, प्रशिक्षित टेक्निकल स्टाफ तथा नर्स होंगे। डायग्नोस्टिक से इमेजिंग तक की पूरी व्यवस्था हास्पिटल में मौजूद रहेगी। हास्पिटल की सारी व्यवस्था अपनी होगी, मरीज या उनके परिजन को कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। निन्ती हास्पिटल एट्रियो हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड की एक इकाई हैं। कैथलैब की स्थापना श्रीनारायण मेडिकल इस्टीच्यूट एंड हास्पिटल, सहरसा के परिसर में की जायेगी।
यह जानकारी देते हुए निन्ती हास्पिटल के संस्थापक और टीआरएलएस हेल्थकेयर कंसल्टेंसी के एमडी डा. गोपाल शरण ने बताया कि इस कैथलैब में एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, स्टेंट प्लेसमेंट और अन्य न्यूनतम इनवेसिव तकनीके शामिल रहेंगी। कोसी क्षेत्र के अन्तर्गत सहरसा, मधेपुरा और सुपौल जिलों की बड़ी आबादी के बीच एक भी हृदय रोग संबंधी कोई हास्पिटल नहीं है। वहां के लोग अभी मुख्यतः पटना और दिल्ली के हास्पिटलों पर निर्भर हैं। इतनी दूरी तय करने में कई बार मरीजों की मौत हो जाने की आशंका बनी रहती है।
कैथलैब की स्थापना के लिए कटिबद्ध डा. शरण ने बताया कि कोसी क्षेत्र में हृदय रोग के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं होना मुझे बार-बार कचोट रहा था, इसलिए हमने कैथलैब बनाने का निर्णय किया है। हम चाहते हैं कि बिहार के छोटे और मंझोले शहरों में भी कैथलैब की स्थापना की जानी चाहिए क्योंकि वृद्ध ही नहीं, युवा की भी मौत हृदयाघात से हो जाती है। युवा क्या अब तो बच्चे की भी जान हृदय रोग से चली जाती है।
निन्ती हास्पिटल के फैसिलिटी हेड सुरेन्द्र नाथ झा ने बताया कि कैथलैब की स्थापना का काम तेजी से चल रहा है। इस लैब के चालु हो जाने के बाद कोसी क्षेत्र के लोगों को पटना या दिल्ली की बजाय निन्ती हास्पिटल में ही हृदय रोग का आधुनिक इलाज शुरू हो जाएगा। उन्हें अब अन्य जगह जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।