पटना, 15 जनवरी। नीतीश कुमार के मुख्यमंत्रित्वकाल में शिक्षा के क्षेत्र में बिहार ने देश-दुनिया में इतिहास रच दिया है। छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों को शिक्षा विभाग द्वारा चलायी जा रही लोक कल्याणकारी योजनाओं के प्रति जागरूक करने के लिए राज्य में सोमवार से ‘शिक्षा संवाद’ शुरू हुआ। राज्य सरकार के निर्देश के अनुरूप जिलों द्वारा बनाये गये शिड्यूल के तहत शिक्षा संवाद सूबे के तकरीबन सभी एक हजार माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में एक सप्ताह में शिक्षा संवाद आयोजित होगा। राज्य में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने और समाज के मुख्यधारा में लाने हेतु बिहार शताब्दी मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना के तहत 9वीं से 12वीं तक की बेटियों को प्रति छात्रा 1,500 रुपये की दर से राशि दी जाती है।
मुख्यमंत्री बालक-बालिका साइकिल योजना के तहत 9वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को प्रति छात्र-छात्रा 3,000 रुपये साइकिल के लिए दिये जाते हैं। बालक-बालिका छात्रवृत्ति योजना के तहत 75 फीसदी उपस्थिति के आधार पर छात्र-छात्राओं को 1,800 रुपये की दर से राशि दी जाती है। राज्य में बेटियों को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ावा देने एवं उन्हें अत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री बालिका (इंटरमीडिएट) प्रोत्साहन योजना के तहत इंटरमीडिएट उत्तीर्ण अविवाहित बेटियों को प्रति छात्रा 25,000 रुपये दिये जाते हैं।
मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना के तहत प्रथम श्रेणी से मैट्रिक उत्तीर्ण छात्रा को 10,000 रुपये एवं अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग की द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण छात्रा को 8,000 रुपये की दर से राशि दी जा रही है। राज्य में बालक शिक्षा को बढ़ावा देने एवं बालकों को अत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के तहत प्रथम श्रेणी से मैट्रिक उत्तीर्ण छात्र को 10,000 रुपये एवं अनुसूचित जाति- जनजाति वर्ग की द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण छात्र को 8,000 रुपये की दर से राशि दी जा रही है। अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने और समाज की मुख्यधारा में लाने हेतु मुख्यमंत्री बालिका मेधावृत्ति (एससी-एसटी कोटि के लिए) के तहत अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति कोटि की इंटरमीडिएट प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण अविवाहित छात्राओं को 15,000 एवं द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण अविवाहित छात्राओं को 10,000 रुपये की मेधावृत्ति राशि दी जाती है। बालिकाओं को स्वास्थ्य के प्रति सजग करने हेतु मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना के तहत 9वीं से 12वीं कक्षा की छात्राओं को प्रति छात्रा 300 रुपये दिये जाते हैं।
9वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं के शैक्षणिक परिभ्रमण के लिए प्रत्येक माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय को 20,000 रुपये की राशि एकमुश्त दी जाती है। छात्र-छात्राओं को कम्प्यूटर शिक्षा देने के लिए आईसीटी योजना चल रही है। उन्नयन योजना के तहत माध्यमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास चल रहे हैं। छात्र-छात्राओं की संख्या में हुई भारी बढ़ोतरी के मद्देनजर स्कूलों में अतिरिक्त वर्गकक्ष के निर्माण की योजना चल रही है। यूथ एवं यूको क्लब के गठन के लिए प्रत्येक माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय को 25,000 रुपये की राशि तथा साइंस एवं मैथ क्लब के गठन के लिए 5,000 रुपये की राशि दी गयी है। 9वीं से 12वीं के छात्र-छात्राओं के लिए विशेष कक्षाएं चल रही हैं।
छात्र-छात्राओं के साप्ताहिक एवं मासिक मूल्यांकन की व्यवस्था की गयी है। शिक्षकों का नियमित प्रशिक्षण चल रहा है। माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की संख्या बढ़ कर 7,036 हो गयी है। इससे छात्र-शिक्षक अनुपात 68:01 से बढ़ कर 29:01 हो गया है। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को प्रति छात्रा 50 हजार रुपये दिये जाते हैं। इस योजना के तहत बालिकाओं को जन्म से स्नातक उत्तीर्ण होने तक 94,100 रुपये की राशि देने के प्रावधान हैं। बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 12वीं पास विद्यार्थियों को आगे की पढ़ाई के लिए चार लाख रुपये तक की ऋण की सुविधा मिलती है।
बहरहाल, हर माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षा संवाद की अगुआई वरीय प्रशासनिक अधिकारी कर रहे हैं। इसमें शिक्षा विभाग के अधिकारी भी रह रहे हैं। अधिकारियों द्वारा छात्र-छात्राओं एवं अभिभावकों को शिक्षा विभाग के साथ-साथ अन्य विभागों की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। उनका फीडबैक लिया जा रहा है।