राजभवन के साथ फिर गहराने लगा शिक्षा विभाग का विवाद; शिक्षा विभाग ने वीसी व रजिस्टार से मांगा स्पष्टीकरण

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■ 28 की बैठक में शामिल नहीं होने वालों पर होगी काररवाई

पटना, 24 फरवरी। शिक्षा विभाग ने पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति एवं मगध विश्वविद्यालय के कुलसचिव से स्पष्टीकरण मांगा है। इसके साथ ही सभी विश्वविद्यालयों से कहा है कि 28 फरवरी को बुलायी गयी बैठक में नहीं आने वाले संबंधित अधिकारियों पर काररवाई होगी। इसके साथ ही शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच एक बार फिर विवाद गहराने लगा है।

दरअसल, शिक्षा विभाग ने परीक्षा एवं रिजल्ट को लेकर राज्य के सभी विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक 28 फरवरी को बुलायी है। इसमें सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव एवं परीक्षा नियंत्रक बुलाये गये हैं। बैठक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विभाग के ही मदन मोहन झा स्मृति सभागार में होगी। इस बाबत उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. रेखा कुमारी के हस्ताक्षर से 19 फरवरी को सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कुलसचिवों एवं परीक्षा नियंत्रकों को पत्र भेजे गये हैं।

शिक्षा विभाग के निर्देश के बाद पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति एवं मगध विश्वविद्यालय के कुलसचिव द्वारा शिक्षा विभाग द्वारा 28 फरवरी को बुलायी गयी बैठक में शामिल होने को लेकर कुलाधिपति से दिशा-निर्देश की मांग की गयी थी। राज्यपाल राज्य के विश्वविद्यालयों के पदेन कुलाधिपति हैं। इसके मद्देनजर पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति एवं मगध विश्वविद्यालय के कुलसचिव को राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल. चोंग्थू के हस्ताक्षर से दिशा-निर्देश जारी किया गया, जिसकी प्रतिलिपि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं कुलसचिव को दी गयी।

दिशा-निर्देश में कहा गया है कि ‘कुलाधिपति महोदय द्वारा सम्यक विचारोपरांत उक्त बैठक में भाग लेने की अनुमति प्रदान नहीं करने की कृपा की गयी है।’ उसके बाद इस मामले में शिक्षा विभाग ने शनिवार को पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति एवं मगध विश्वविद्यालय के कुलसचिव से स्पष्टीकरण मांगा है।

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रेखा कुमारी के हस्ताक्षर से मांगे गये स्पष्टीकरण में कहा गया है कि’ आपको यह स्पष्ट होना चाहिये कि शिक्षा विभाग सभी विश्वविद्यालयों का प्रशासी विभाग है। विभाग द्वारा आयोजित समीक्षा बैठकों में भाग लेने के लिए दिशा-निर्देश/अनुमति अन्य प्राधिकार से प्राप्त करना मूर्खतापूर्ण है एवं किसी परिस्थिति में वांछनीय नहीं है। शिक्षा विभाग आशा करता है कि कुलपति एवं कुलसचिव जैसे वरीय पदाधिकारी इन मूल नियमों/नियमावली की मौलिक जानकारी रखते होंगे। अतः आप यह स्पष्ट करें कि प्रशासी विभाग की बैठकों में भाग लेने के लिए आपने किस नियम के तहत किसी अन्य प्राधिकार से अनुमति मांगना आवश्यक समझा। यह स्पष्ट किया जाता है कि 28 फरवरी की समीक्षा बैठक में भाग लेना आपकी इच्छा पर निर्भर नहीं करता है, बल्कि बैठक में भाग लेना अनिवार्य है। इस पत्र के माध्यम से निदेशानुसार सभी विश्वविद्यालयों को यह सूचित किया जाता है कि इस समीक्षा बैठक में भाग लेना अनिवार्य है और जो विश्वविद्यालय के पदाधिकारी उक्त बैठक में भाग नहीं लेंगे उनके विरुद्ध यथोचित काररवाई की जायेगी।’ इसकी प्रति सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को इस निर्देश के साथ भेजी गयी है कि ‘विभागीय बैठक में भाग लेना अनिवार्य है। अतः कोई पदाधिकारी इस बैठक में अनुपस्थित न हों।’

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