■ समस्तीपुर समेत राज्य के तीन जिलों में शुरू होगा एमईआरएम बॉक्स

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Bihar Express Desk (31 दिसंबर)। स्वास्थ्य विभाग ने टीबी मरीजों के बीच वितरण के लिए एक पायलट परियोजना के हिस्से के रूप में मधुबनी, समस्तीपुर एवं बेगूसराय जिले को 75 दवा इवेंट और मॉनिटर रिमांइडर (एमईआरएम) बक्से प्रदान किये है। ताकि, वह अपनी खुराक ने ना चुके और उनकी निगरानी वास्तविक समय के आधार पर की जा सकें।

यक्ष्मा के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डा. बालकृष्ण मिश्र ने तीनों जिलों के सिविल सर्जन एवं अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को पत्र जारी कर आवश्यक निर्देश दिये है। एमईआरएम जो नया डिजिटल ट्रीटमेंट तकनीक है, के माध्यम से नियमित दवा सेवन करने एवं निक्षय पोर्टल पर प्रविष्टि करने का पायलट किया गया है। क्योंकि, ड्रग रेजिस्टेंट टीबी का उपचार अपेक्षाकृत लंबा एवं कठिनाईयों से भरा होता है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोगी संस्था इन्नोवेटर इन हेल्थ इंडिया सहयोग करेगी।

जारी पत्र के अनुसार राज्य सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत राज्य के के वल तीन जिलों मधुबनी, समस्तीपुर तथा बेगूसराय में दवा प्रतिरोधी टीबी रोगियों के इलाज के लिए एमईआरएम बॉक्स लांच किया है। जो टीबी के मरीज को याद दिलाने और निगरानी करने के लिए एक प्रकार का सहायक उपकरण है। जो उसे दवा के साथ लापरवाही न करने की चेतावनी देता है। मॉड्यूलर इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटर डिवाइस अधिकारियों को उनकी दैनिक दवा के संबंध में टीबी रोगियों पर नजर रखने में भी सक्षम बनाता है।

एमईआरएम बॉक्स में तीन रंग ब्लिंक के साथ उन्नत इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जो हरा, पीला और लाल है। एमईआरएम के एक कार्ड बॉक्स में एक माह की टीबी की दवा होती है। हरा रंग यह सुझाव देता है कि मरीज दवा खाने के लिए तैयार है। पीली रोशनी एमई आर एम बॉक्स को फिर से भरने का सूचक है। लाल रंग बैटरी को रिचार्ज करने का सूचक हैं। जो किसी भी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र पर रिचार्ज किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसा देखा गया है कि टीबी के मरीज दो या तीन महीने की दवा लेने के बाद बीमारी के प्रति लापरवाह हो जाते है और दवा का सेवन करना बंद कर देते है । जिससे वे दवा प्रतिरोधी बन जाते है और गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है।


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