Bihar Express Desk (20 दिसंबर) केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने देश के कुछ हिस्सों में बढ़ते कोविड-19 मामलों के मद्देनजर निगरानी, रोकथाम और प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की स्थिति और तैयारियों की बुधवार को समीक्षा की तथा किसी परिस्थिति का सामना करने के लिए केंद्र-राज्य सरकारों के आपसी सहयोग की आवश्यकता बतायी।
श्री मांडविया ने आज यहां कोविड समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सतर्क रहना और कोविड-19 के नए और उभरते प्रकारों के लिए तैयार रहना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कोविड-19 के कुशल प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता दोहरायी। बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल और डॉ. भारती प्रवीण पवार भी शामिल हुए।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल भी बैठक में उपस्थित थे। बैठक में शामिल होने वाले राज्य मंत्रियों में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री अलो लिबांग, उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक और उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बैठक में भाग लिया। इनके अलावा कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव, हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, केरल की स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती वीणा जॉर्ज, गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत प्रतापसिंह राणे, असम के स्वास्थ्य मंत्री केशव महंत, झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज, हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री प्रोफेसर डॉ. तानाजीराव सावंत, तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री दामोदर राजनरसिम्हा, मणिपुर के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सपम रंजन, ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री निरंजन पुजारी और पुड्डुचेरी के प्रशासक रंगास्वामी ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए।
बैठक में केंद्रीय मंत्री ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड से संबंधित किसी भी स्थिति से निपटने में केंद्र सरकार की सभी प्रकार की सहायता का आश्वासन दियाऔर राज्यों ने भी सहयोग करने पर सहमति जतायी।
श्री मांडविया ने कहा कि देश में फैल रहे नए कोविड रुप का समय पर पता लगाने को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय सार्स कोव -2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम नेटवर्क के माध्यम से संपूर्ण जीनोम अनुकमण के लिए निगरानी प्रणाली को मजबूत करने का आवश्यकता है। उन्होंने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से परीक्षण में तेजी लाने को कहा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सभी राज्यों से सतर्क रहने, निगरानी बढ़ाने और दवाओं, ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटिलेटर तथा टीकों का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने अधिकारियों से क्षमता का आकलन करने के लिए केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर हर तीन महीने में मॉक ड्रिल करने को कहा। उन्होंने राज्यों से जागरुकता पैदा करने और सही जानकारी का प्रसार सुनिश्चित करने का भी अनुरोध किया। उन्होंने राज्यों को केंद्र की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
बैठक में कोविड -19 स्थिति पर एक प्रस्तुति दी गयी और कहा गया कि भारत में सक्रिय कोविड मामले वैश्विक परिदृश्य की तुलना में बहुत कम हैं। देश में कोविड के रोगी 92.8 प्रतिशत होम आइसोलेशन में हैं। अस्पताल में भर्ती होने की दर में कोई वृद्धि नहीं देखी गई है। कोविड के नये मामले केरल, महाराष्ट्र, झारखंड और कर्नाटक जैसे कुछ राज्यों में सामने आये हैं। कोविड के नये रुप पर बैठक में बताया कि जे एन-1 की वर्तमान में गहन जांच चल रही है, लेकिन तत्काल चिंता का कारण नहीं है।
बैठक में चीन, ब्राजील, जर्मनी और अमेरिका जैसे दुनिया भर के कुछ देशों में कोविड-19 के मामलों की बढ़ती संख्या से उत्पन्न चुनौती को देखते हुए कहा गया कि आगामी त्योहारी मौसम को देखते हुए किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार और सतर्क रहना महत्वपूर्ण है। केंद्रीय मंत्री ने राज्यों से उचित सार्वजनिक स्वास्थ्य योजना बनाने के और कोविड -19 मामलों, लक्षणों और मामले की गंभीरता से निगरानी करने का अनुरोध किया।